पत्रकार वार्ता : डेढ़ साल में भाजपा सरकार ने चौथी बार बढ़ाया बिजली का दाम, जनता की जेब पर पड़ रहा सीधा असर

 रायपुर, 15 जुलाई 2025। प्रदेश में बिजली दरों को लेकर एक बार फिर भाजपा सरकार सवालों के घेरे में है। डेढ़ साल के भीतर भाजपा सरकार ने चौथी बार बिजली की कीमतें बढ़ाकर आम जनता की जेब पर सीधा बोझ डाल दिया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है।

इसके साथ ही सर्वाधिक मार झेल रहे किसानों पर भी बिजली दरों में बढ़ोतरी का सीधा असर पड़ा है। कृषि पंपों पर 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि कर दी गई है। पहले से ही खाद, बीज, डीजल और बिजली के बढ़ते खर्च से जूझ रहे किसानों के लिए यह फैसला बड़ा झटका है।

प्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बिजली की दरों को लगातार बढ़ाया है, जबकि 2003 से 2018 तक भाजपा के 15 साल के शासन में बिजली दरों में तीन गुना तक वृद्धि हुई थी। फिर 2018 के चुनाव में भाजपा ने 6 रुपए 20 पैसे प्रति यूनिट कर दिया था।

कांग्रेस सरकार के समय 5 वर्षों में बिजली दरों में केवल 2 पैसे की वृद्धि हुई थी, जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम थी। आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2018-2023) में बिजली दरों में कुल वृद्धि मात्र 0.02 रुपए यानी 2 पैसे रही, जो महज 0.32 प्रतिशत की वृद्धि है।

वहीं भाजपा के वर्तमान कार्यकाल में केवल डेढ़ साल में बिजली दर 6.22 से बढ़कर 7.02 रुपए प्रति यूनिट हो गई है, यानी 80 पैसे की बढ़ोतरी।


छत्तीसगढ़ में बिजली दरों का साल दर साल आंकड़ा इस प्रकार है :

  • 2003-04: 3.30

  • 2017-18: 6.40 (+3.10)

  • 2018-19: 6.20 (-0.20)

  • 2019-20: 5.93 (-0.27)

  • 2020-21: 5.93 (0)

  • 2021-22: 6.08 (+0.15)

  • 2022-23: 6.22 (+0.12)

  • 2023-24: 6.22 (0)

  • 2023-24 (अद्यतन): 7.02 (+0.80)

कुल मिलाकर कांग्रेस शासन में पांच वर्षों में मात्र 2 पैसे बढ़ोतरी हुई, जबकि भाजपा शासन में डेढ़ साल में ही 80 पैसे की वृद्धि कर जनता की जेब पर सीधा असर डाला गया है।

प्रदेश कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से दर वृद्धि वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर फैसला नहीं बदला गया तो जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।

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