अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस एवं ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त तायक्वोंडो क्लब, जो 14 जून 2017 से निरंतर 100–150 बच्चों को राष्ट्रीय–अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दे रहा है, इन दिनों प्रशासनिक मनमानी के कारण गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
नारी सशक्तिकरण, आत्मरक्षा और खेल भावना को बढ़ावा देने वाले इस केंद्र को लेकर बच्चों और अभिभावकों में तेज आक्रोश फैल गया है।
🔥 मुख्य आरोप और बढ़ता विवाद
1. लाइन प्रभारी तृप्ति भारद्वाज पर पद के दुरुपयोग का आरोप
वर्तमान अंबिकापुर लाइन प्रभारी तृप्ति भारद्वाज पर पद का दुरुपयोग करने के आरोप लग रहे हैं।
"सिंघम" छवि बनाने वाली विभाग की इस महिला अधिकारी पर आरोप हैं कि उन्होंने—
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खेल मंच को जबरन तुड़वाया,
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बच्चों के खेल मैदान में नव-निर्माण भवन का कार्य शुरू करवाया,
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शिकायतों के बावजूद किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी,
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और अपने पद की ताकत से प्रशिक्षण को बाधित किया।
2. लगभग 1 वर्ष से जारी विवाद — समाधान नहीं
अभिभावकों का कहना है कि यह विवाद लगभग एक साल से चल रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
3. खेल मैदान में निर्माण कार्य से बच्चों का अभ्यास बाधित
जहाँ बच्चे नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त करते थे, उसी मैदान में अचानक निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया।
बच्चों का कहना है—
“हमारा मैदान छीना जा रहा है… हमारे सपनों पर रोक लगाई जा रही है।”
4. राष्ट्रीय–अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुके बच्चों पर असर
कई बच्चे राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुके हैं और कुछ अंतर्राष्ट्रीय तैयारी कर रहे हैं, पर लगातार रुकावटों के कारण प्रशिक्षण व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो चुकी है।
5. अभिभावकों का गुस्सा — “यह बच्चों के भविष्य पर सीधा हमला है”
अभिभावकों का आरोप है कि—
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व्यक्तिगत द्वेष के कारण बच्चों के खेल में बाधा डाली जा रही है
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राष्ट्रीय हित की योजनाओं को नुकसान पहुँचाया जा रहा है
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बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है
अभिभावकों का स्पष्ट कहना है—
“मंच तोड़ना, मैदान बाधित करना —ये सब बच्चों को डराने और रोकने की कोशिशें हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे। तत्काल कार्रवाई की जाए”
🔥 प्रशासन से कड़ी मांग
बच्चों और अभिभावकों ने एक स्वर में यह मांग की है कि—
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जिम्मेदारों पर तत्काल कार्रवाई की जाए
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खेल मैदान और प्रशिक्षण व्यवस्था पूर्व स्थिति में बहाल की जाए
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बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उच्च स्तर पर हस्तक्षेप किया जाए