अम्बिकापुर, 16 जुलाई 2025
अम्बिकापुर शहर में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष शिल्पी राय के नेतृत्व में NHM कर्मचारी यूनियन ने नगर निगम कार्यालय के समक्ष धरना देकर अपनी नाराजगी जाहिर की। कर्मचारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया।
मुख्य मांगें
NHM कर्मियों ने स्पष्ट किया कि वर्षों से सेवाएं देने के बावजूद उन्हें स्थायीकरण, समान वेतन, भत्ते और प्रमोशन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। यूनियन की जिला अध्यक्ष शिल्पी राय ने कहा कि कई बार शासन को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जल्द समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन उग्र किया जाएगा।
कर्मचारियों ने उठाई ये प्रमुख मांगें:
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सेवा स्थायीकरण: वर्षों से संविदा पर कार्यरत कर्मियों को स्थायी किया जाए।
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समान वेतन: NHM के कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों के समकक्ष वेतन और अन्य लाभ दिए जाएं।
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EPF और मेडिकल बीमा: कर्मियों के लिए भविष्य निधि (EPF) और स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए।
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पदोन्नति और वार्षिक वेतन वृद्धि: लंबे समय से सेवा दे रहे कर्मियों को प्रमोशन और नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिले।
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कार्य की सुरक्षा: संविदा कर्मियों की नौकरी सुरक्षित की जाए और बिना कारण सेवा समाप्ति पर रोक लगाई जाए।
कर्मचारियों का कहना
यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माने जाने वाले NHM कर्मियों के साथ शासन का यह व्यवहार नाइंसाफी है। कोरोना महामारी हो या अन्य स्वास्थ्य अभियानों में, NHM कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया, फिर भी आज तक उन्हें स्थायी नहीं किया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जल्द ही कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जा सकती है।
आगे की रणनीति
शिल्पी राय ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो यूनियन राजधानी में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से सीधा संवाद करने की रणनीति बना रही है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ कर्मचारियों के हक के लिए है और इसे किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समर्थन की मांग
NHM कर्मियों ने स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि वे उनके हक की आवाज विधानसभा तक पहुंचाएं।
अंततः, यह प्रदर्शन न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की भी एक पहल मानी जा रही है। यदि शासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो आने वाले दिनों में NHM कर्मियों का आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने की भी संभावना है।