अम्बिकापुर, 16 जुलाई 2025
शहर के व्यस्त इलाकों में दिनदहाड़े हुई चोरी की दो अजीब घटनाओं ने लोगों को चौंका दिया है। 15 जुलाई को दो प्रतिष्ठित महान विभूतियों की प्रतिमाओं से सामान चोरी कर लिया गया, जिससे शहरवासियों में नाराजगी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतापपुर नाका स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा से शातिर चोरों ने भाला चुरा लिया। वहीं दूसरी घटना में पुराने बस स्टैंड के पास स्थापित पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा से चश्मा चोरी हो गया। ये दोनों स्थान शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र माने जाते हैं, इसके बावजूद चोरों ने दिनदहाड़े इस दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस चोरी पर हैरानी जताते हुए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इतनी भीड़-भाड़ में इस तरह की घटनाएं होना सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है। एक दुकानदार ने कहा, "ये प्रतिमाएं हमारे गौरव और इतिहास की पहचान हैं। यदि इनकी सुरक्षा नहीं हो सकती तो आम नागरिक खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?"
घटना के बाद नगर निगम और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही उन्होंने सभी प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मांग उठाई है।
कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आस-पास लगे कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, लेकिन कई स्थानों पर कैमरे या तो लगे नहीं हैं या फिर खराब पड़े हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही चोरों को पकड़ा जाएगा।
इधर, नगर निगम ने भरोसा दिलाया है कि दोनों प्रतिमाओं की मरम्मत कर आवश्यक वस्तुएं फिर से स्थापित की जाएंगी। साथ ही अन्य प्रमुख प्रतिमाओं और सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह घटना सिर्फ चोरी नहीं बल्कि अम्बिकापुर की सांस्कृतिक धरोहर का अपमान माना जा रहा है। शहर के लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वह इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी समाधान निकाले और जनता की भावनाओं का सम्मान करे।