संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा ने एसडीजी को जमीनी स्तर पर लागू करने पर दिया जोर
अंबिकापुर, छत्तीसगढ़: राज्य नीति आयोग द्वारा जिला पंचायत सभाकक्ष में संभाग स्तरीय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) उन्मुखीकरण प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संभागायुक्त श्री नरेंद्र दुग्गा ने की।
संभागायुक्त श्री दुग्गा ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals - SDG) को प्राप्त करने के लिए फील्ड में सही रणनीति और प्रभावी कार्यान्वयन जरूरी है। उन्होंने बताया कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) बनाया गया है, जिसके माध्यम से जिले की प्रगति की मॉनिटरिंग की जाएगी। इस डैशबोर्ड के जरिए जिलाधिकारियों द्वारा की गई एंट्री के आधार पर हर साल "डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट" प्रकाशित की जाती है।
संभागायुक्त ने सरगुजा संभाग को आदिवासी बहुल क्षेत्र बताते हुए कहा कि यहां सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जमीनी स्तर की समस्याओं की पहचान कर, आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए सामूहिक प्रयास करें।
एसडीजी लक्ष्य हासिल करने के लिए गुणवत्ता पर जोर
इस अवसर पर कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) की यात्रा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी) से शुरू हुई थी। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास और रोजगार से जुड़े लक्ष्यों पर जोर देते हुए कहा कि इनसे विकास को गति मिलती है।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सही तरीके से पात्र लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि "क्वांटिटी नहीं, क्वालिटी" पर फोकस करें और राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार 82 इंडिकेटर्स वाले डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) के अनुसार जिले की रैंकिंग पर ध्यान दें।
संयुक्त प्रयासों से हासिल होंगे सतत विकास लक्ष्य
राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गौरड़िया ने कार्यशाला के दौरान कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति साझा प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने बताया कि इसके लिए संसाधनों का प्रभावी उपयोग और नियमित मॉनिटरिंग आवश्यक है।
इस दौरान राज्य नीति आयोग की टीम ने एसडीजी, डीआईएफ और एसडीजी डैशबोर्ड की मॉनिटरिंग पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। साथ ही, जिला स्तर पर सांख्यिकी प्रणाली और आंकड़ों के संग्रहण को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।
संभाग स्तरीय कार्यशाला में विभिन्न जिलों के अधिकारी रहे मौजूद
इस कार्यशाला में सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर, एमसीबी और जशपुर जिलों के जिला पंचायत सीईओ और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों के साथ एसडीजी के स्कोप और एकीकरण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और उनकी शंकाओं का समाधान किया गया।
"विकसित छत्तीसगढ़" के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बड़ा कदम
यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ को "विकसित राज्य" बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। इसमें अधिकारियों को नई नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया गया ताकि जिले स्तर पर बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके।