ऐसा लगता है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने कांग्रेस के न्याय पत्र का गंभीर अध्ययन कर बजट में युवाओं के लिये प्रावधान किये हैं। युवाओं के प्रावधान कांग्रेेस के घोषणापत्र जिसके संयोजक पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी0एस0 सिंहदेव के युवा न्याय खंड से प्रेरित है। वर्किंग वुमेन हॉस्टल, इंडस्ट्री में अपरेंटिसशिप और मानदेय, स्टार्टअप में एंजेल टैक्स की समाप्ती ऐसे कदम हैं जिसके लिये मोदी सरकार ने कांग्रेस के न्याय पत्र से सीख ली है। मध्यम वर्ग पर पडे आर्थिक बोझ की तुलना में टैक्स स्लैब में बदलाव नाकाफी है। 10 लाख तक की आय पर साल में महज 10 हजार रुपय का फायदा हो रहा है जो प्रतिमाह हजार रुपय से भी कम है। एक ओर बजट के माध्यम से युवाओं को बचत के लिये शेयर बजार जाने को प्रेरित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार लॉंग टर्म कैपिटल गेन में टैक्स बढाकर 10 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत कर रही है और शार्ट टर्म कैपिटल गेन में टैक्स बढाकर 15 से 20 प्रतिशत कर रही है। छत्तीसगढ के चुनावों में जनता ने जिस डबल इंजन के नाम पर भाजपा को वोट दिया था, उसका कोई भी फायदा छत्तीसगढ या सारगुजा संभाग की जनता के लिये इस बजट में नहीं है।
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