युक्तियुक्तकरण नीति के विरोध में कांग्रेस का ‘शिक्षा-न्याय’ आंदोलन, शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव

अम्बिकापुर। प्रदेश सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति के खिलाफ कांग्रेस का प्रदेशव्यापी ‘शिक्षा-न्याय’ आंदोलन तेज हो गया है। इसी कड़ी में आज जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा ने राजीव भवन से विशाल रैली निकालते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया।

इस रैली का नेतृत्व पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने किया, जिनके साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक एवं अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भारी बारिश के बावजूद जिले के सभी विकासखंडों से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि रैली में शामिल हुए।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने आरोप लगाया कि सरकार बजट की आड़ में शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण की नई नीति से प्रदेश के 45,000 शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे और 10,643 स्कूल बंद हो जाएंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइमरी स्कूलों में केवल एक प्रधान पाठक और एक शिक्षक रखने का प्रावधान, शिक्षा की गुणवत्ता को सीधे-सीधे प्रभावित करेगा।

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने नई नीति को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह कदम ग्रामीण अंचलों की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 57,000 शिक्षकों की भर्ती और नए स्कूल खोलने का वादा किया था, लेकिन अब वह उसके विपरीत कार्य कर रही है।


जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आर्थिक संसाधनों का समुचित प्रबंध नहीं कर पा रही है और अब इसकी भरपाई शिक्षा व्यवस्था में कटौती कर कर रही है। महिला शिक्षकों के दूर-दराज जिलों में तबादलों को लेकर भी कांग्रेस ने गंभीर चिंता जताई।

राज्यपाल के नाम सौंपा गया पांच सूत्रीय ज्ञापन

रैली के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के नाम पर पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित मांगे शामिल हैं:

  1. युक्तियुक्तकरण नीति को तुरंत वापस लिया जाए।

  2. अतिशेष के नाम पर शिक्षकों के विसंगतिपूर्ण तबादले रोके जाएं।

  3. बंद/समायोजित स्कूलों को पुनः प्रारंभ किया जाए।

  4. वर्ष 2008 की नीति के आधार पर 57,000 शिक्षकों की भर्ती की जाए।

  5. शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु घोषणापत्र के अनुरूप ठोस कदम उठाए जाएं।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने