"मोर गांव मोर पानी" अभियान: सरगुजा में भू-जल संरक्षण की ऐतिहासिक पहल, 439 ग्राम पंचायतों में चला जल संरक्षण का जनअभियान

 अम्बिकापुर, 25 जून 2025।

सरगुजा जिले में भू-जल स्तर बढ़ाने और वर्षा जल के संग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए "मोर गांव मोर पानी महाअभियान" के तहत एक वृहद जनअभियान सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। जिले की 439 ग्राम पंचायतों में एक साथ यह अभियान जनसहभागिता से चलाया गया, जिसका उद्देश्य रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सोकपिट निर्माण के ज़रिए जल संरक्षण को बढ़ावा देना रहा।

पीएम आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग

महाअभियान के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 1085 हितग्राहियों के घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए। इससे ग्रामीणों को स्वच्छ जल की उपलब्धता में वृद्धि होगी और जल संग्रहण की प्रक्रिया को बल मिलेगा।

355 सोकपिट और महिलाओं की भागीदारी

भू-जल पुनर्भरण को सशक्त करने के लिए जिले में 355 सोकपिट का निर्माण किया गया। इनमें से 723 स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के घरों में सोकपिट बनाकर उन्हें जल संरक्षण अभियान से जोड़ा गया।


शासकीय भवनों में भी जल संरक्षण

इस अभियान के तहत 216 ग्राम पंचायत भवनों और 124 अन्य शासकीय भवनों जैसे स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी आदि में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए। इसके अलावा, 12 पंचायत भवनों और 55 अन्य भवनों में पुराने सिस्टम की मरम्मत कर उन्हें फिर से क्रियाशील किया गया।

"एक पेड़ मां के नाम 2.0" से हरियाली को बल

जल संरक्षण के साथ-साथ हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "एक पेड़ मां के नाम 2.0" अभियान भी चलाया गया। इसके अंतर्गत 12475 पौधे प्रधानमंत्री आवासों, पंचायत भवनों एवं ग्रामीणों के घरों में लगाए गए।


जनसहभागिता बनी अभियान की आत्मा

इस पूरे अभियान में ग्रामीणजनों, पंचायत प्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूहों, ग्राम स्तरीय कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। यह पहल न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुई है, बल्कि ग्रामीणों में जल के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी का भाव भी पैदा हुआ है।

सरगुजा जिले की यह ऐतिहासिक पहल अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है।

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