अजिरमा, अजिरमा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी श्रीमती सरिता पैकरा और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह को मंदिर में प्रवेश से रोकने और जातिसूचक अपशब्द कहे जाने की घटना पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले में जिला कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज ने आज आदिम जाति कल्याण (आजाक) थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला?
11 फरवरी (मंगलवार) शाम 6 बजे सरिता पैकरा और मधु सिंह अपने साथियों के साथ अजिरमा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा करने गए थे। उसी दौरान, भाजपा समर्थकों ने उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोक दिया और जातिसूचक अपशब्द कहे। इस घटना की शिकायत तत्काल आजाक थाने में दर्ज कराई गई थी, लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जब पुलिस की ओर से टालमटोल किया जाने लगा, तब कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज ने आज थाने का घेराव करने का फैसला किया।
पुलिस के रवैये पर भड़के प्रदर्शनकारी
बंगाली चौक पर एकत्र हुए प्रदर्शनकारी जुलूस निकालते हुए आजाक थाने पहुंचे और लगातार 2 घंटे तक धरना दिया। इस दौरान, कार्यकर्ता पुलिस से अपराध दर्ज करने और कार्रवाई की मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद ही मामला दर्ज करने की बात कहकर प्रदर्शनकारियों को टाल दिया।
इस रवैये से नाराज जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सरिता पैकरा ने कहा:
"आदिवासी हूँ, इसलिए मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। पुलिस कार्रवाई करने की बजाय इसे दबाने का प्रयास कर रही है। आदिवासियों को अब उम्मीद छोड़ देनी चाहिए कि इस शासन में उनकी सुनवाई होगी। मैं बेहद निराश हूँ और 17 फरवरी तक अन्न त्यागकर पंचायत चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करूंगी। यदि फिर भी न्याय नहीं मिला, तो मैं न्यायालय की शरण लूंगी।"
72 घंटे बाद भी मामला दर्ज नहीं, कांग्रेस ने दी चेतावनी
धरने के 2 घंटे बाद भी पुलिस ने अपराध दर्ज नहीं किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों को लिखित आश्वासन दिया कि जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री राकेश गुप्ता ने कहा:
"इस घटना को 72 घंटे होने वाले हैं और अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह दर्शाता है कि पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रही है। एक आदिवासी मुख्यमंत्री के होते हुए भी भाजपा समर्थकों द्वारा आदिवासियों के साथ नस्ली व्यवहार किया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है। भाजपा का आदिवासी प्रेम केवल दिखावा है।"
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में होगी शिकायत
कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में करने का निर्णय लिया है। साथ ही, कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि अगर 17 फरवरी तक कार्रवाई नहीं हुई, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
सैकड़ों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी
इस विरोध प्रदर्शन और धरने में सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अमृत मरावी, मधु सिंह, डॉ. अजय तिर्की, शफी अहमद, भानु प्रताप सिंह, तरुण भगत, विवेक पैकरा सहित सैकड़ों कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज के कार्यकर्ता शामिल हुए।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है या फिर कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज को बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
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