छत्तीसगढ़ // छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा निम्नलिखित माँगों के संबंध में राज्य शासन को समय-समय पर ज्ञापन देकर निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है। निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी काफी आक्रोशित हैं।
अवगत हो कि 11 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आयोजित हुए बैठक में शासन के उपेक्षा पूर्ण रवैये के लोकतांत्रिक विरोध एवं माँगों के समाधन हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए निर्णय लिया गया है। जो कि निम्नानुसार है :-
मुख्य माँगें :-
1. प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी अनुसार केन्द्र के समान 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय तिथि से दिया जाए।
2. प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी अनुसार जुलाई 2019 से समय समय पर देय महंगाई भत्ते की लंबित एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।
3. 4. वेतन विसंगति एवं अन्य मुद्दे के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किश्त का भुगतान शीघ्र किया जाए।
लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व उपरोक्त मुद्दों के समाधान हेतु तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करेंगे।