रामगढ़ पर्वत संरक्षण की मुहिम को केंद्र से समर्थन, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जताया संतोष

रामगढ़ पर्वत संरक्षण की मुहिम को केंद्र से समर्थन, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जताया संतोष

 

📰 समाचार रिपोर्ट |
📅 अंबिकापुर, 
📍 रामगढ़ पर्वत, जिला सरगुजा


🌿 नवरात्रि पर आई सुकून भरी खबर, केंद्र ने दी निष्पक्ष जांच की मंजूरी

प्रभु श्रीराम और माता सीता के वनवास काल से जुड़ी रामगढ़ पर्वत की धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यावरणीय महत्ता को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा शुरू की गई संरक्षण मुहिम को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
30 अगस्त 2025 को भेजे गए पत्र के जवाब में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के वन विभाग सचिव को निष्पक्ष जांच और न्यायोचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।



📜 जैव विविधता रिपोर्ट और जनसुनवाई की आपत्तियाँ बनीं आधार

  • 2019 में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ICRFI देहरादून द्वारा जैव विविधता मूल्यांकन कराया गया था।
  • 2021 की रिपोर्ट में परसा ईस्ट केंते बसेन खदान नम्बर 14 के अतिरिक्त क्षेत्र को नो-गो एरिया घोषित किया गया।
  • 2023 में नई खदान (केंते एक्सटेंशन खदान नम्बर 12) खोलने की जनसुनवाई में 1500 से अधिक आपत्तियाँ दर्ज की गईं।
  • 26 जून 2025 को वन विभाग सरगुजा ने रामजानकी मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों की जानकारी छुपाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया।

🧭 स्थानीय भूगर्भीय खतरे और लेमरू प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता

  • ब्लास्टिंग के कारण पर्वत में दरारें और कंपन की शिकायतें स्थानीय निवासियों और भू विज्ञानी विमान मुखर्जी द्वारा उठाई गईं।
  • यह क्षेत्र हाथियों के आवास और लेमरू प्रोजेक्ट के अंतर्गत आता है, जहां मानव-हाथी संघर्ष में 2000 से 2023 के बीच 737 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

🏛️ विधानसभा प्रस्ताव और राजनीतिक पृष्ठभूमि

  • 2022 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से नई खदानों के आदेश निरस्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें भाजपा विधायकों के भी हस्ताक्षर थे।
  • 2023 में सत्ता परिवर्तन के बाद नई खदान खोलने के प्रयास शुरू हुए, जिसे स्थानीय भावनाओं और पर्यावरणीय हितों के विपरीत बताया गया।

🙏 पूर्व उपमुख्यमंत्री ने जताया आभार

  • टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय वन महानिदेशक को धन्यवाद देते हुए कहा:

    “अब विश्वास है कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष विषय विशेषज्ञों से जांच करवाकर न्यायोचित कार्यवाही करेगी।”


📍 रामगढ़ पर्वत संरक्षण की यह पहल न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की दिशा में है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और जनभावनाओं के सम्मान का भी प्रतीक बन रही है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने