छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल मेला (चित्रकला) का आयोजन

छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल मेला (चित्रकला) का आयोजन

 नन्हें-मुन्नों ने रंगों से सजाए सपनों के चित्र, अभिभावक भी बने उत्साह का हिस्सा

अम्बिकापुर/ छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाल मेला (चित्रकला प्रतियोगिता) का आयोजन किया गया।

बच्चों की रचनात्मकता आई सामने

आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत नन्हें-मुन्नों ने अपनी कल्पनाशक्ति और रंगों के माध्यम से विविध विषयों को चित्रों में उकेरा। रंग-बिरंगी चित्रकला ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। बच्चों ने अपनी रचनात्मक और कलात्मक प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

बच्चों का उत्साह, अभिभावकों की भागीदारी

कार्यक्रम में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी की। माता-पिता ने बच्चों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें अपनी प्रतिभा को मंच पर अभिव्यक्त करते देख गर्व का अनुभव किया।

व्यक्तित्व और मनोविज्ञान पर सकारात्मक प्रभाव

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां बच्चों के मनोवैज्ञानिक और व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। इससे बच्चों में आत्मविश्वास, टीम भावना, प्रतिस्पर्धात्मक सोच और नई कल्पनाशक्ति का विकास होता है।

रजत महोत्सव में बच्चों की सक्रिय भागीदारी

राज्य स्थापना के 25 वर्षों की उपलब्धियों को रेखांकित करने हेतु जिलेभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह बाल मेला बच्चों के लिए एक आनंदमय और अविस्मरणीय अवसर बन गया।

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