राजीव गांधी महाविद्यालय में “युवा संवाद श्रृंखला” का शुभारंभ

पहली कड़ी का विषय रहा Finding My Purpose, जिला पंचायत सीईओ ने साझा किए अनुभव

अम्बिकापुर,  राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर में गुरुवार को सोशल इनोवेशन एंड कम्युनिटी एंगेजमेंट सेल एवं मुहिम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “युवा संवाद श्रृंखला” की शुरुआत हुई। इस श्रृंखला की पहली कड़ी का विषय “Finding My Purpose” रखा गया।


सीईओ विनय कुमार अग्रवाल बने मुख्य वक्ता

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल ने छात्रों को संबोधित किया।
Finding My Purpose: Actions and Learnings from 10 Years in Civil Services” विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा –

  • युवा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहें,

  • अपनी जिज्ञासा को बढ़ाएँ और रुचियों की पहचान करें,

  • सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा लगाएँ।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि व्यक्ति को अपना उद्देश्य मिल जाए, तो वह जीवन में ‘रैंचो’ की तरह नवाचार और सफलता का मार्ग बना सकता है।


प्रशासनिक अनुभव और संवाद

श्री अग्रवाल ने अपने प्रशासनिक अनुभवों को साझा किया और युवाओं को सक्रिय नागरिकता अपनाने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने करियर विकल्प, ग्राम विकास और प्रशासन से संबंधित प्रश्न पूछे, जिससे सत्र और भी संवादात्मक व प्रेरक बन गया।


प्राध्यापकों के विचार

  • प्रो. अनिल कुमार सिन्हा, वरिष्ठ प्राध्यापक एवं आईक्यूएसी समन्वयक, ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को exposure देंगे और उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।

  • सहायक प्राध्यापक दीपक सिंह, संयोजक (Social Innovation & Community Engagement Cell), ने बताया कि इस श्रृंखला के साथ ही सामुदायिक सहभागिता, शोध, करियर तैयारी और रोजगारोन्मुखी कौशल पर केंद्रित प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं।


मुहिम फाउंडेशन का दृष्टिकोण

मुहिम फाउंडेशन के संस्थापक श्री ऋषिकेश ठाकुर ने कहा –
“इस पहल का उद्देश्य युवाओं को उन लोगों की कहानियाँ सुनाना है, जो समाज में बदलाव की दिशा तय कर रहे हैं।”


विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. एस.एन. पाण्डेय की विशेष उपस्थिति रही। लगभग 200 विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए वक्ताओं से प्रेरणा ली।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. कामिनी ने किया।

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