जगदलपुर/रायपुर, 17 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर की प्रतिष्ठा और आस्था का ऐसा उदाहरण कम ही देखने को मिलता है। पांच महीने बाद सोमवार को मंदिर की दान पेटी खोली गई, तो उसमें केवल नगद, चांदी, सोने की वस्तुएं ही नहीं, बल्कि भक्तों की दिल की मुरादें भी सामने आईं। किसी ने प्रेम विवाह की इच्छा मांगी तो किसी ने NMDC में नौकरी पाने की विनती की। वहीं, अनेक श्रद्धालुओं ने परिवार में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति जैसी मनोकामनाओं को लिखकर देवी मां की शरण ली।
दानपेटी से मिले 11 लाख 18 हजार 194 रुपये
मंदिर समिति के अनुसार इस बार कुल 11 लाख 18 हजार 194 रुपये की नगद राशि दानपेटी से प्राप्त हुई है। इसके साथ ही सोना-चांदी की वस्तुएं, सिक्के और आभूषण भी निकले। यह राशि सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच मंदिर समिति और प्रशासन की देखरेख में गिनी गई। फरवरी 2025 में जब पिछली बार दान पेटी खोली गई थी तब 19 लाख 23 हजार 723 रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।
प्रेम, नौकरी और सुख-शांति की चिट्ठियां भी मिलीं
दान पेटी से निकलने वाली सबसे रोचक चीजें होती हैं वो चिट्ठियां, जिन्हें भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने की आशा में मां दंतेश्वरी को समर्पित करते हैं। इस बार भी कई ऐसे पत्र मिले जिनमें किसी ने लिखा कि "हे मां! मेरी गर्लफ्रेंड से शादी करा दो।" वहीं किसी ने NMDC (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) में नौकरी के लिए प्रार्थना की। किसी ने लिखा कि "मां! घर में शांति बनी रहे, कर्ज से मुक्ति मिले।" इस तरह के अनेक भावनात्मक पत्र आस्था की गहराई और मां दंतेश्वरी में अटूट विश्वास को दर्शाते हैं।
नवरात्रि में चढ़ता है करोड़ों का दान
मां दंतेश्वरी मंदिर विशेष तौर पर शारदीय नवरात्रि में आस्था का केंद्र बन जाता है। इस दौरान यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और मां के चरणों में करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाते हैं। मंदिर समिति के अनुसार नवरात्रि में यहां 1 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा एकत्रित होता है। इस दौरान ज्योति कलश, विशेष पूजा-अनुष्ठान, भंडारा और अन्य धार्मिक गतिविधियों से बस्तर क्षेत्र संपूर्ण आस्था के रंग में रंग जाता है।
मंदिर की आय से होते हैं धार्मिक आयोजन
मां दंतेश्वरी मंदिर की आय का उपयोग मंदिर की व्यवस्थाओं, रखरखाव, साफ-सफाई और धार्मिक आयोजनों में होता है। इसके साथ ही फागुन मेला, शारदीय नवरात्रि जैसे विशेष पर्वों पर अलग से बजट तैयार किया जाता है। चढ़ाए गए चांदी से धार्मिक सिक्के तैयार किए जाते हैं, जिन्हें श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। इससे बस्तर की सांस्कृतिक परंपरा को मजबूती मिलती है।
मां दंतेश्वरी के प्रति गहरी आस्था
बस्तर की आराध्य देवी मानी जाने वाली मां दंतेश्वरी न केवल क्षेत्रीय बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं। यह मंदिर 600 साल से अधिक प्राचीन है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी अत्यंत गहरा है। दंतेवाड़ा स्थित इस शक्तिपीठ में लोग जीवन की हर उलझन और कठिनाई से मुक्ति पाने की कामना लेकर पहुंचते हैं।
भक्तों की भावनाएं अनमोल
मंदिर समिति के एक सदस्य ने बताया कि भक्तों की लिखी गई चिट्ठियों को पढ़कर मां के प्रति लोगों की श्रद्धा और भावनाओं को महसूस किया जा सकता है। "कई लोग अपने जीवन की गंभीर समस्याओं से जूझते हुए मां को पत्र लिखते हैं। यह आस्था का सबसे पवित्र रूप है।"
सुरक्षा के बीच होती है गिनती
दान पेटी को पुलिस बल की उपस्थिति में खोला गया। पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी कराया गया, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। गिनती के दौरान मंदिर समिति, प्रशासनिक अधिकारी और बैंक कर्मी भी मौजूद रहे।
📌 मुख्य तथ्य
-
दान पेटी से 11 लाख 18 हजार 194 रुपये नकद प्राप्त
-
सोना-चांदी, धार्मिक आभूषण और सिक्के भी निकले
-
भक्तों ने NMDC में नौकरी, प्रेम विवाह, सुख-शांति के लिए प्रार्थना की
-
नवरात्रि में 1 करोड़ से अधिक का चढ़ावा
-
मंदिर की आय से होते हैं धार्मिक आयोजन और परंपरा संरक्षण
मां दंतेश्वरी मंदिर से जुड़े हर आयोजन और गतिविधि पर श्रद्धालु की गहरी नजर रहती है। मंदिर समिति का प्रयास है कि आस्था और परंपरा के इस केंद्र को और अधिक सुव्यवस्थित और भव्य बनाया जाए।