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📅 अंबिकापुर,
📍 मैनपाट, सरगुजा, छत्तीसगढ़
⛰️ पर्यटन स्थल मैनपाट में खनन का विरोध तेज, जनसुनवाई में उमड़ा जनसमूह
सरगुजा का शिमला कहलाने वाला मैनपाट अब खनन कंपनियों की नजर में है। बालको कंपनी द्वारा बाक्साइट खनन के बाद अब मां कुदरगढ़ी एल्यूमिनियम कंपनी की ओर से खनन प्रस्ताव पर जिला प्रशासन जनसुनवाई कर रहा है।
पहले दिन हुई जनसुनवाई में 102 लोगों ने अपनी बात रखी जबकि 10 लोगों ने लिखित आवेदन देकर विरोध दर्ज कराया।
🗣️ जनता का विरोध और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जनसुनवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने खनन का विरोध किया। उनका कहना था कि खनन से मैनपाट की प्राकृतिक सुंदरता, पर्यावरण और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान होगा।
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने बताया कि अधिक संख्या में लोगों ने कंपनी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी पक्षों की राय दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा।
👔 पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान
जनसुनवाई में उपस्थित पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि “मैनपाट का शिमला अब खतरे में है। सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय माइंस की स्थापना कर रही है। इससे यहां की पहचान और प्राकृतिक धरोहर नष्ट हो जाएगी।”
🌿 पर्यावरण और पर्यटन पर खतरा
- मैनपाट अपनी ठंडी जलवायु, प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन स्थलों के कारण ‘शिमला ऑफ सरगुजा’ कहलाता है।
- खनन गतिविधियों से जंगल, जल स्रोत और जैव विविधता पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन से रोजगार तो सीमित होगा, लेकिन पर्यटन और पर्यावरण का नुकसान अपूरणीय होगा।
📍 जनसुनवाई का यह विरोध अब सरगुजा में बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रशासन और कंपनी के सामने चुनौती है कि वे विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन कैसे बनाएंगे।
