रतनपुर (बतौली) में चंगाई सभा पर विवाद, प्रशासन ने कार्यक्रम पर तत्काल लगाई रोक

रतनपुर (बतौली) में चंगाई सभा पर विवाद, प्रशासन ने कार्यक्रम पर तत्काल लगाई रोक

 

📰 समाचार रिपोर्ट | 
📅 अंबिकापुर, 
📍 ग्राम रतनपुर, जनपद बतौली | जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़


⚠️ धर्मांतरण के आरोपों के बीच चंगाई सभा पर बवाल, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से रोका गया आयोजन

ग्राम पंचायत बालमपुर अंतर्गत ग्राम रतनपुर में ईसाई समाज द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चंगाई सभा शनिवार को विवादों में घिर गई
कार्यक्रम के दूसरे दिन ग्रामीणों एवं हिंदू संगठनों ने सभा का तीखा विरोध करते हुए इसे धर्मांतरण की साजिश बताया।
विरोध के चलते गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल हस्तक्षेप कर कार्यक्रम को रोक दिया





🗣️ ग्रामीणों और संगठनों ने जताई आपत्ति

  • ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से धार्मिक मतभेद और धर्म परिवर्तन की कोशिश की जा रही है।
  • उनका कहना था कि “धर्म परिवर्तन गांव की शांति और एकता के लिए खतरा है।”
  • हिंदू संगठनों ने तहसीलदार बतौली को लिखित आवेदन सौंपकर सभा को तत्काल रोकने की मांग की।

👮‍♂️ प्रशासन की त्वरित कार्रवाई, सभा समाप्त

  • सूचना मिलते ही तहसीलदार बतौली, सीतापुर SDOP और थाना प्रभारी सीतापुर मौके पर पहुंचे।
  • स्थिति का जायजा लेकर सभा को तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए गए।
  • आयोजन समिति ने मंच समेटते हुए कार्यक्रम को समाप्त कर दिया।

🙌 ग्रामीणों ने जताया संतोष, गूंजे जयघोष

  • सभा समाप्त होते ही गांव में “जय श्रीराम”, “धर्म की रक्षा करो” और “भारत माता की जय” के नारे गूंजे
  • ग्रामीणों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि “भविष्य में ऐसे आयोजन बिना अनुमति हुए तो पूरा गांव सड़कों पर उतर आएगा।”

👥 मौके पर उपस्थित प्रमुख व्यक्ति

मनोज लकड़ा, राजेश्वर मिंज, संदीप लकड़ा, राजाराम, उमेश्वर, जयप्रकाश, रामकुमार, सुखलाल, प्रदीप, सर्वेश्वर, घाशीराम, धनेश्वर, रामचमर साय, अनिल एक्का, देवशंकर, सुशील, चंदर मिंज, नरेंद्र पैकरा, अवधेश लकड़ा, मनेल, दिलीप लकड़ा, रुदेंद्र कुजुर, सूर्यकांत सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।


🔍 प्रशासन सतर्क, धार्मिक आयोजनों पर निगरानी बढ़ाई गई

  • बतौली क्षेत्र में धार्मिक आयोजनों और सामुदायिक कार्यक्रमों पर प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है
  • अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में बिना अनुमति कोई धार्मिक आयोजन नहीं किया जा सकेगा

📍 यह घटना बतौली क्षेत्र में धार्मिक सद्भाव और प्रशासनिक सजगता के संतुलन का उदाहरण बनी है, जिसमें समय रहते हस्तक्षेप कर संभावित तनाव को टाल दिया गया।

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