📰 समाचार रिपोर्ट | 📅 अंबिकापुर,
📍 ग्राम सखौली खास व आमादरहा, जिला सरगुजा
🚨 आंगनबाड़ी सहायिका की अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार के आरोप से ग्रामीणों में नाराजगी, कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज
सरगुजा जिले के ग्राम सखौली खास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता और सहायिका की लापरवाही से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी सहायिका बुधमेत कुजूर महीनों से केंद्र से गायब रहती हैं, जिससे बच्चों, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को पोषण आहार का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इतना ही नहीं, बच्चों के लिए आए पोषण सामग्री को भी घर ले जाने की शिकायतें सामने आई हैं।
🧾 राजनीतिक संरक्षण और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
- ग्रामीणों का कहना है कि बुधमेत कुजूर की राजनीतिक पकड़ इतनी मजबूत है कि विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई से बचते हैं।
- महिला बाल विकास मंत्री और अन्य नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी जा सकती हैं, जिससे प्रभाव का अंदेशा जताया जा रहा है।
🗣️ फुलकेन रजवाड़े की शिकायत: नौकरी के बदले पैसे की मांग
- ग्राम आमादरहा की विधवा महिला फुलकेन रजवाड़े ने कलेक्टर जनदर्शन में बुधमेत कुजूर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- शिकायत में कहा गया है कि सखौली खास में सहायिका पद पर रहते हुए, बुधमेत कुजूर ने आमादरहा में आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए आवेदन किया और परियोजना अधिकारी दरिमा के नाम पर ₹1.50 लाख की मांग की।
- पैसे नहीं देने पर साजिश के तहत खुद नाम वापस लेकर तीसरे स्थान पर आए उम्मीदवार की नियुक्ति करवा दी गई।
👩👧 ग्रामीणों की मांग: पद से हटाया जाए
- ग्रामीणों का कहना है कि यदि बुधमेत कुजूर राजनीति करना चाहती हैं, तो आंगनबाड़ी का पद किसी योग्य व्यक्ति को सौंपा जाए, ताकि गांव की महिलाएं और बच्चे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
👮♀️ प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- महिला बाल विकास अधिकारी ने पूरे मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।
- प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि निष्पक्ष जांच कर जवाबदेही तय की जाए और सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
📍 यह मामला न केवल ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि सरकारी पदों पर पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।