📰 समाचार रिपोर्ट |
📅 बलरामपुर,
📍 वार्ड क्रमांक 8, जिला बलरामपुर
⚠️ साधारण इलाज के लिए गया मासूम, मेडिकल लापरवाही ने छीन ली जिंदगी
बलरामपुर जिले में मेडिकल संचालकों की लापरवाही एक बार फिर मासूम की जान पर भारी पड़ गई।
10 वर्षीय अनमोल एक्का, जो सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा छठवीं का छात्र था, बुधवार रात मामूली चोट के इलाज के लिए शम्भू मेडिकल गया था, जहां गलत इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और रात 12 बजे रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
🏥 घुटने की चोट से शुरू हुआ मामला, गंभीर लापरवाही में बदल गया
- रात 8 बजे परिजन अनमोल को शम्भू मेडिकल लेकर गए।
- मेडिकल संचालक ने घाव का उपचार करते हुए इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद अनमोल की हालत बिगड़ने लगी।
- जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।
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🧒 परिवार का इकलौता बेटा था अनमोल, वार्ड में शोक की लहर
- परिजनों ने कहा कि अनमोल की हालत सामान्य थी, केवल घुटने में चोट थी।
- मेडिकल संचालक की लापरवाही ने उपचार की उम्मीद को मातम में बदल दिया।
- मृतक छात्र अपने परिवार का इकलौता बेटा था, जिसकी मौत से पूरे वार्ड में शोक फैल गया है।
👮♂️ पुलिस जांच शुरू, दोषी पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
- बलरामपुर थाना प्रभारी ने बताया कि
“परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मेडिकल संचालक की भूमिका की जांच की जा रही है। यदि लापरवाही साबित होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
📍 यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही और निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करती है। मासूम की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या निजी चिकित्सा संस्थानों पर पर्याप्त नियंत्रण है।

