अम्बिकापुर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सरगुजा जिले ने ठोस एवं प्लास्टिक कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन में एक नई उपलब्धि हासिल की है। अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दरिमा में स्थापित जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग इकाई (एम.आर.एफ.) का आज लूण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने उद्घाटन किया। यह केन्द्र प्रदेश में दूसरा तथा सरगुजा संभाग में पहला है।
उद्घाटन समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह, उपाध्यक्ष देवनारायण यादव, सदस्य अनिमा केरकेट्टा, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सतीश यादव, सदस्य प्रसुन्न सिंह, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल समेत प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
विधायक प्रबोध मिंज ने कहा कि सरगुजा जिले की स्वच्छता पहल अन्य जिलों के लिए आदर्श बनेगी। इस एम.आर.एफ. से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह ने बताया कि जिले की 569 ग्राम पंचायतों में जमा प्लास्टिक कचरा न सड़नेवाला सबसे बड़ा संकट था। अब इसकी वैज्ञानिक प्रक्रिया से निपटान होगा और स्वच्छाग्राही दीदियों को इससे सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस यूनिट से करीब 2,500 स्वच्छाग्राही दीदियों को कचरा विक्रय पर लाभांश मिलेगा। साथ ही प्लांट में कार्यरत 30–35 महिलाओं को मासिक 7,500 रुपये मानदेय पर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
एम.आर.एफ. इकाई के माध्यम से सभी ग्रामों में स्थापित 569 सेग्रीगेशन शेड और सात प्लास्टिक प्रबंधन केन्द्रों से कचरा एकत्रित कर उसे प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। यहां प्लास्टिक को पुनर्चक्रित कर दाने, गट्टे, रस्सी, बाल्टी व डस्टबिन जैसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
प्रभाग निदेशक का कहना है कि कार्य को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए 10–12 ग्रामों के क्लस्टर बनाए गए हैं और जिला, जनपद व पंचायत स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग होगी। इससे गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिलेगी।