अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत सरगुजा जिला प्रशासन ने अवैध गौ-मांस परिवहन में प्रयुक्त जीप वाहन (क्रमांक CG15 JD 0616) को राजसात करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा 7 अगस्त 2025 को न्यायालयीन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पारित किया गया।
घटना का विवरण
चौकी रघुनाथपुर पुलिस के अनुसार, 6 मार्च 2024 को ग्राम सिलसिला के पास एक जीप वाहन तेज व लापरवाहीपूर्वक चलाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वाहन में सवार आरोपी विल्सन तिग्गा और ललित एक्का मौके से भागने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वहां मौजूद प्रार्थी व गवाहों ने उन्हें पकड़ लिया।
वाहन की तलाशी के दौरान बोरी में रखे 9 प्लास्टिक थैलों में लगभग 11 किलो गौ-मांस, लोहे का गणासा तथा लकड़ी का बैत लगा लोहे की टांगी बरामद हुई।
जांच और स्वीकारोक्ति
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि गौ-मांस ग्राम जजगा (थाना सीतापुर) निवासी विरेंद्र उर्फ विजेंद्र से लेकर अम्बिकापुर ले जाया जा रहा था। तेज रफ्तार के कारण रास्ते में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। पुलिस ने गवाहों के समक्ष मेमो कथन दर्ज किया और आरोपियों की निशानदेही पर वाहन व गौ-मांस जब्त किया।
बरामद मांस का पशु चिकित्सक द्वारा परीक्षण कराया गया, जिसमें यह Bovine प्रजाति का पाया गया।
प्रयोगशाला रिपोर्ट और पुलिस कार्यवाही
बरामद मांस का नमूना Meat Species Identification Laboratory (MSIL), हैदराबाद भेजा गया। जांच रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस अधीक्षक, सरगुजा ने वाहन राजसात करने का प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। आरोपियों — विल्सन तिग्गा, ललित एक्का, विरेंद्र तिर्की और इलियस बड़ा — को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर केंद्रीय जेल अम्बिकापुर भेजा गया।
न्यायालय का निर्णय
वाहन स्वामी के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनका वाहन अपराध में संलिप्त नहीं था और मामला झूठा है। किंतु उपलब्ध साक्ष्यों व पुलिस प्रतिवेदन पर विचार करने के बाद न्यायालय ने आरोपियों को दोषी मानते हुए वाहन को राजसात करने का आदेश पारित किया।
कानूनी प्रावधान और आदेश
छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 5 एवं 10 के अंतर्गत यदि किसी वाहन का उपयोग अवैध गौ-मांस परिवहन में किया जाता है, तो जिला मजिस्ट्रेट उस वाहन को अधिहरण कर सकते हैं। इसी प्रावधान के तहत जीप क्रमांक CG15 JD 0616 को अधिहरण व राजसात करने की कार्यवाही की गई।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर उक्त वाहन को राजसात करने का आदेश जारी किया।
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