सरगुजा वनमण्डल में हाथियों से बचाव एवं निगरानी हेतु 07 दल गठित

ग्रामीणों को सतर्क करने और सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कार्यवाही तेज

अम्बिकापुर — जशपुर वनमण्डल की ओर से आए एक मादा हाथी एवं एक नर (बच्चा) हाथी के साथ-साथ सरगुजा वनमण्डल में विचरण कर रहे अन्य हाथियों से आबादी क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। हाथियों को वनक्षेत्र की ओर सुरक्षित निकालने, वनक्षेत्र से लगे कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और 10 कि.मी. परिधि के भीतर के ग्रामों के ग्रामीणों को सावधान करने के उद्देश्य से 07 विशेष दल गठित किए गए हैं।


हाल की घटनाओं से सतर्क प्रशासन

सरगुजा वनमण्डल के सीतापुर परिक्षेत्र में 31 जुलाई को हाथी के हमले से 01 जनहानि की घटना हुई। वहीं लुण्ड्रा परिक्षेत्र में एक दंतैल हाथी अब तक 03 लोगों की जनहानि कर चुका है। मैनपाट परिक्षेत्र में वर्तमान में 10 हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है। इन घटनाओं के मद्देनज़र हाथियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।


दल में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल

अपर कलेक्टर सरगुजा ने बचाव और निगरानी के लिए गठित प्रत्येक दल में संबंधित क्षेत्र के वनपाल, बीटगार्ड/वनरक्षक, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, संबंधित थाना क्षेत्र के 02 आरक्षक, पंचायत सचिव और सभी कोटवारों को शामिल किया है।


निर्धारित क्षेत्रों में सक्रिय दल

ये बचाव दल परिक्षेत्र अम्बिकापुर, लुण्ड्रा के बीट लमगांव (पी-2618) और बीट लुण्ड्रा (पी-2686), परिक्षेत्र लखनपुर, परिक्षेत्र उदयपुर, परिक्षेत्र सीतापुर के बीट देवगढ़ (पी-2367 एवं पी-2368) और परिक्षेत्र मैनपाट के बीट नर्मदापुर (पी-2354) में सक्रिय रहेंगे।

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