हिग्लेश्वरी स्व-सहायता समूह संचालित कर रहा तेल प्रोसेसिंग इकाई, ग्रामीण आजीविका का नया मॉडल पेश
अम्बिकापुर, 03 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ शासन की बहुप्रशंसित “बिहान योजना” के तहत सरगुजा जिले की ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। लूण्ड्रा विकासखंड की ग्राम पंचायत करौली स्थित हिग्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाएं आज अपनी खुद की तेल प्रोसेसिंग इकाई का संचालन कर स्थानीय स्तर पर आजीविका का नया और प्रेरणादायक मॉडल प्रस्तुत कर रही हैं।
28 महिलाओं ने मिलकर बनाया प्रोड्यूसर ग्रुप
समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरोज ने बताया कि इस इकाई को 5 अलग-अलग महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 28 महिलाओं को मिलाकर बनाया गया है। इन महिलाओं ने एक प्रोड्यूसर ग्रुप (पीजी) गठित किया, जिसने मिलकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की। यह समूह सरसों तेल निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया — बीज की सफाई, प्रोसेसिंग, संग्रहण, पैकिंग और विपणन — स्वयं ही संचालित कर रहा है।
आर्थिक मजबूती और रोजगार के अवसर
इस इकाई में कार्यरत महिलाओं को प्रतिदिन ₹200 की मजदूरी मिल रही है। साथ ही, तेल की बिक्री से प्रति माह 50 से 60 हजार रुपये की बचत भी हो रही है। शासन की ओर से प्रोसेसिंग के लिए शेड और मशीनरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
शुद्धता और गुणवत्ता से बढ़ रही मांग
श्रीमती सरोज के अनुसार तेल को स्टील ड्रम में संग्रहित कर दो दिन स्थिर रखा जाता है, उसके बाद बोतलों में भरकर सील किया जाता है और बाजार में बेचा जाता है। इसकी शुद्धता और गुणवत्ता के कारण इसकी बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है।