रायपुर, 16 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण अब केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सशक्त जनआंदोलन का स्वरूप ले चुका है। इसी दिशा में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान ने प्रदेश के हर गांव में जल जागरूकता की नई बुनियाद रखी है। बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा परिसर में इस अभियान पर आधारित विशेष पुस्तिका का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान जल संरक्षण के क्षेत्र में जनभागीदारी और तकनीक के समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है। ग्राम पंचायतों की सक्रियता, नवाचार और जनता की जागरूकता ने इसे सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे ये प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, प्रमुख सचिव पंचायत श्रीमती निहारिका बारीक, आयुक्त मनरेगा तारण प्रकाश सिन्हा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
📌 मुख्य उपलब्धियां एवं प्रयास:
✅ 11,000+ ग्राम पंचायत भवनों पर भूजल स्तर का अंकन किया गया है। इससे गांव के लोगों में भूजल के प्रति जागरूकता बढ़ी है और जल संरक्षण को लेकर सकारात्मक व्यवहार में बदलाव आया है।
✅ राज्य के 626 क्लस्टर्स में विशेष प्रशिक्षण आयोजित कर 56,000 से अधिक लोगों को जल प्रबंधन, संरक्षण तकनीकों और नवाचारों का प्रशिक्षण दिया गया। इससे गांव-गांव में जल संरक्षण के स्थायी समाधान विकसित हो रहे हैं।
✅ GIS तकनीक के जरिए जल संरक्षण के कार्यों की बेहतर योजना बनाई जा रही है। इससे यह पता लगाया जा रहा है कि किस क्षेत्र में किस तरह के संरचनात्मक उपाय जरूरी हैं।
✅ जलदूत ऐप का उपयोग कर प्रदेश में खुले कुओं का जल स्तर मापा जा रहा है। इस डेटा के आधार पर भूजल संरक्षण के लिए रणनीति तय की जा रही है।
✅ परकोलेशन टैंक, अर्दन डैम, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर जैसे निर्माण कार्यों से भूजल पुनर्भरण के स्थायी और प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। इससे सूखाग्रस्त इलाकों में भी पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
✅ अभियान में सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों पर विशेष जोर दिया गया है ताकि जनता में जल संरक्षण के प्रति व्यवहारिक जागरूकता विकसित हो सके।
📖 पुस्तिका में संकलित अनुभव और कहानियां
इस विमोचित पुस्तिका में प्रदेश के अलग-अलग पंचायतों में जल संरक्षण को लेकर किए गए नवाचार, स्थानीय प्रयास, और जन सहयोग की प्रेरक कहानियां दर्ज की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कहानियां अन्य पंचायतों के लिए मॉडल गाइड का काम करेंगी। इससे दूसरे गांव भी स्थानीय संसाधनों और जन सहयोग से जल संरक्षण की दिशा में कारगर कदम उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ आने वाले समय में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय मॉडल के तौर पर उभरेगा। उन्होंने कहा कि पानी के महत्व को समझाना और लोगों को जल संरक्षण में भागीदार बनाना ही इस अभियान का सबसे बड़ा लक्ष्य है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं और सभी नागरिकों से इस आंदोलन को और सशक्त बनाने का आह्वान किया।
🟦 राज्य सरकार का दृष्टिकोण
छत्तीसगढ़ सरकार का मानना है कि जल संरक्षण सिर्फ सरकारी प्रयासों से संभव नहीं, बल्कि इसके लिए जनता की भागीदारी, स्थानीय नेतृत्व और तकनीक का समन्वय जरूरी है। ‘मोर गांव मोर पानी’ इसी दृष्टि से एक समग्र अभियान बनकर उभरा है, जिसे आने वाले वर्षों में और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया जाएगा।
यह अभियान न केवल छत्तीसगढ़ को पानी के संकट से उबारने में मदद करेगा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी जल सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।