अंबिकापुर: नव निर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने अपने शपथ ग्रहण से पहले दिए गए बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम कार्यालय को शुद्धिकरण की आवश्यकता है क्योंकि यह वर्षों से "अशुद्ध" हो गया है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सार्वजनिक माफी की मांग की है।
क्या कहा मंजूषा भगत ने?
महापौर पद की शपथ लेने से पहले मंजूषा भगत ने कहा कि वे नगर निगम कार्यालय में विशेष पूजा-पाठ कराएंगी और गंगाजल से शुद्धिकरण करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम में पिछले दस सालों तक कांग्रेस का शासन था, लेकिन इस दौरान कोई विकास कार्य नहीं हुआ और नगर निगम कार्यालय "अशुद्ध" हो गया।
कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया
मंजूषा भगत के बयान पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। जिला कांग्रेस कमेटी ने इसे "नफरती बयान" करार दिया और चेतावनी दी कि यदि महापौर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगतीं, तो कांग्रेस पार्षद शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगे।
राजनीतिक तनाव बढ़ा
- कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंजूषा भगत का बयान नगर निगम में पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की का अपमान है, जो एक सम्मानित चिकित्सक और जनसेवक रहे हैं।
- कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा खुद भी पिछले 10 वर्षों में नगर निगम का हिस्सा रही है, इसलिए नगर निगम की "अशुद्धता" के लिए वह भी जिम्मेदार है।
- जिला कांग्रेस कमेटी ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात भी कही है।
भाजपा का बचाव
भाजपा ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महापौर का बयान प्रशासनिक सुधार और नगर निगम कार्यालय की स्वच्छता को लेकर था, जिसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।
आगे क्या?
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या महापौर मंजूषा भगत अपने बयान पर सफाई देंगी या कांग्रेस अपने बहिष्कार और कानूनी कार्रवाई के ऐलान पर आगे बढ़ेगी। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की भागीदारी भी इस विवाद के समाधान पर निर्भर करेगी।