सूरजपुर के सौहार ग्राम में नदी पार करते समय नाव पलटी, ग्रामीणों की सुझबुझ से टला बड़ा हादसा

सूरजपुर के सौहार ग्राम में नदी पार करते समय नाव पलटी, ग्रामीणों की सुझबुझ से टला बड़ा हादसा

📰 समाचार रिपोर्ट | 
📅 सूरजपुर, 
📍 ग्राम सौहार, ब्लॉक ओडगी | जिला सूरजपुर


⚠️ आजादी के 75 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्राम सौहार, नदी में पुल नहीं, जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

सूरजपुर जिले के ओडगी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत मयूरधक्की से सटे सौहार ग्राम में नदी पार करते समय एक नाव पलटने की घटना सामने आई है।
स्थानीय भाषा में डोंगा कहे जाने वाली ग्रामीणों द्वारा स्वयं निर्मित नाव से तेज बहाव वाली नदी पार करते समय नाव बीच नदी में पलट गई, लेकिन ग्रामीणों की सुझबुझ से बड़ा हादसा टल गया



🚧 500 की आबादी वाला गांव, आज भी पुल के अभाव में संघर्षरत

  • ग्राम सौहार की लगभग 500 की आबादी आज भी नदी पार करने के लिए डोंगा का सहारा लेने को मजबूर है।
  • स्कूली बच्चे, मरीज, बुजुर्ग और महिलाएं रोजाना जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं।
  • ब्लॉक मुख्यालय ओडगी से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गांव आज भी विकास से कोसों दूर है।


🛑 पुल निर्माण की स्वीकृति मिली, लेकिन न बजट, न टेंडर, न कार्य प्रारंभ

  • ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद पुल निर्माण की स्वीकृति तो मिली, लेकिन अब तक न बजट मिला, न टेंडर हुआ और न कार्य प्रारंभ हो सका।
  • इस लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीणों को अपनी जान दांव पर लगाकर भुगतना पड़ रहा है।

🗣️ ग्रामीणों की मांग: जब तक पुल नहीं, तब तक लाइफ जैकेट और मोटर बोट दी जाए

  • ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पुल निर्माण पूर्ण होने तक उन्हें लाइफ जैकेट, मोटर बोट और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
  • स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की गई है।

📍 डिजिटल युग में भी जब एक गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, तो यह न केवल प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक है, बल्कि विकास के दावों पर भी सवाल खड़ा करता है। ग्राम सौहार की यह घटना एक चेतावनी है कि अब केवल घोषणाओं से नहीं, जमीनी बदलाव से ही जनजीवन सुरक्षित हो सकता है।

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