📰 समाचार रिपोर्ट |
📅 अंबिकापुर,
📍 जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़
🌾 छत्तीसगढ़ सरकार की पहल, एग्रीस्टैक पोर्टल से जुड़ रहे लाखों किसान
छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के जीवन में तकनीकी बदलाव लाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।
इसी क्रम में एग्रीस्टैक पोर्टल को राज्यभर में लागू किया जा रहा है, जो किसानों के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक संरचना के रूप में कार्य करता है।
यह पोर्टल खेती से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियों को एकीकृत रूप से एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है।
🧑🌾 क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल?
- एग्रीस्टैक एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम है जिसमें किसान की पहचान, भूमि रिकॉर्ड, फसल की जानकारी और कृषि गतिविधियों का पूरा विवरण दर्ज होता है।
- यह डेटा किसान की सहमति से ही साझा किया जाता है, जिससे निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
🏦 धान विक्रय के लिए पंजीकरण अनिवार्य, पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
- इस वर्ष सहकारी समितियों के माध्यम से धान विक्रय करने वाले किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
- इसका उद्देश्य योजनाओं का लाभ सीधे किसानों के खाते तक पहुंचाना और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करना है।
💡 किसानों को मिल रहे सीधे लाभ, प्रक्रिया सरल और निशुल्क
- योजनाएं, सब्सिडी और सहायता राशि की जानकारी अब सीधे किसानों तक पहुंच रही है।
- पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल और निशुल्क है।
- किसान आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका के साथ नजदीकी CSC या सहकारी सोसायटी में जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं।
📊 24 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं, रबी सत्र तक लक्ष्य पूर्ण करने की तैयारी
- अब तक राज्यभर में 24 लाख से अधिक किसान एग्रीस्टैक पोर्टल से जुड़ चुके हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि आगामी रबी सत्र तक सभी पात्र किसान इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़कर लाभ उठाना सुनिश्चित करें।
🌱 “डिजिटल खेती, समृद्ध किसान” की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़
- एग्रीस्टैक पोर्टल भविष्य में कृषि योजनाओं की रीढ़ साबित होगा।
- इससे किसानों की आय में वृद्धि, वैज्ञानिक खेती और योजनाबद्ध कृषि विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
📍 छत्तीसगढ़ में एग्रीस्टैक पोर्टल की शुरुआत खेती को डिजिटल युग में ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे किसान सशक्त और समृद्ध बनेंगे।
