📰 समाचार रिपोर्ट |
📅 अंबिकापुर,
📍 जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़
⚠️ जापानी बुखार की दस्तक, पशु चिकित्सा विभाग ने 61 पॉजिटिव सैंपल की पुष्टि की
सरगुजा जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JE) की पुष्टि ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा अंबिकापुर, लुंड्रा, बतौली, सीतापुर और मैनपाट क्षेत्रों से 120 सूअरों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 61 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
सैंपल जांच के लिए ICAR-निवेदी, बेंगलुरु भेजे गए थे, जहां JE वायरस की पुष्टि हुई।
🧠 इंसानों के लिए जानलेवा है जापानी इंसेफेलाइटिस, मस्तिष्क को करता है प्रभावित
- जापानी इंसेफेलाइटिस एक मच्छर जनित विषाणु रोग है जो सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करता है और सूजन पैदा करता है।
- यह संक्रमित सूकर को काटने वाले मच्छर के माध्यम से इंसानों में फैलता है, लेकिन एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता।
- बच्चों में इसका प्रभाव अधिक होता है और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इससे बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं।
🏥 स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट, SOP के तहत सावधानी बरतने के निर्देश
- पशु चिकित्सा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर चेतावनी जारी की है।
- SOP के तहत मच्छर नियंत्रण, सफाई अभियान, मच्छरदानी के उपयोग और लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की सलाह दी गई है।
- एपिडेमिक नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा:
"लोग अपने आसपास सफाई रखें, मच्छर को पनपने से रोकें, मच्छरदानी का उपयोग करें और किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आने पर चिकित्सक से संपर्क करें।"
🗣️ पशु चिकित्सा उप संचालक डॉ. आर.पी. शुक्ला का बयान
"सरगुजा से सूअरों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि हुई है। कुल 61 केस मिले हैं, हमारी तरफ से स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है और सावधानी बरतने को कहा गया है।"
📍 सरगुजा में फिलहाल इंसानों में JE की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वायरस की मौजूदगी को देखते हुए सतर्कता और जन-जागरूकता बेहद जरूरी है।
