📰 विशेष रिपोर्ट
📅 अंबिकापुर,
📍 एमजी रोड | वार्ड क्रमांक 12 | बाबलू नगर | मुख्य बाजार क्षेत्र
🌧️ स्वच्छता में नंबर-1, लेकिन जल निकासी में फेल — अंबिकापुर की सड़कों पर घुटनों तक पानी
देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाले अंबिकापुर की शहरी योजना और ड्रेनेज सिस्टम की कमियां हालिया बारिश में उजागर हो गईं।
महज आधे घंटे की तेज बारिश ने एमजी रोड, वार्ड क्रमांक 12, बाबलू नगर और मुख्य बाजार क्षेत्र को घुटनों तक पानी में डुबो दिया।
🏙️ शहर की सड़कों पर जलभराव, व्यापारियों और नागरिकों को भारी परेशानी
- मुख्य बाजार क्षेत्र में दुकानों के सामने पानी भर गया, जिससे व्यवसाय प्रभावित हुआ।
- राहगीरों को आवागमन में कठिनाई हुई, दुपहिया वाहन चालकों को फिसलन और जाम का सामना करना पड़ा।
- स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, कहा — “स्वच्छता सिर्फ कागजों पर है, ज़मीन पर नहीं।”
🧱 शहरी नियोजन पर उठे सवाल, ड्रेनेज सिस्टम की समीक्षा की मांग
- विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के कई हिस्सों में जल निकासी की व्यवस्था अधूरी या अवरुद्ध है।
- तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के बीच पुरानी नालियों की सफाई और विस्तार पर ध्यान नहीं दिया गया।
- स्थानीय पार्षदों और सामाजिक संगठनों ने नगर निगम से ड्रेनेज सिस्टम की पुनः समीक्षा और स्थायी समाधान की मांग की है।
🗣️ जनता की आवाज: “स्वच्छता का तमगा तब तक अधूरा है, जब तक पानी सड़कों पर बहता रहेगा”
- बाबलू नगर निवासी रेखा साहू ने कहा — “हर साल यही होता है, थोड़ी सी बारिश और पूरा मोहल्ला तालाब बन जाता है।”
- एमजी रोड के व्यापारी संजय अग्रवाल बोले — “ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पा रहे, नगर निगम को जवाब देना चाहिए।”
📍 अंबिकापुर की यह स्थिति बताती है कि स्वच्छता रैंकिंग के साथ-साथ बुनियादी शहरी ढांचे की मजबूती भी जरूरी है। जब तक जल निकासी, सड़क निर्माण और नागरिक सुविधा योजनाएं समन्वित रूप से नहीं चलेंगी, तब तक शहर की असली तस्वीर अधूरी ही रहेगी।
