मैनपाट के रोपाखार में देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े शुरू, प्लास्टिक के बदले मिलेगा भोजन

मैनपाट के रोपाखार में देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े शुरू, प्लास्टिक के बदले मिलेगा भोजन

 

📰 समाचार रिपोर्ट | 

📅 अंबिकापुर, 
📍 ग्राम पंचायत रोपाखार, जनपद मैनपाट, जिला सरगुजा

♻️ स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत सरगुजा में अनूठी पहल, ग्रामीणों को मिला स्वच्छता से जुड़ने का नया जरिया

सरगुजा जिले के हिल स्टेशन मैनपाट स्थित ग्राम पंचायत रोपाखार में आज देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े शुरू किया गया।
यह पहल जिला प्रशासन सरगुजा, एलआईसी एचएफएल ग्रीन टुमॉरो परियोजना और फिनिश सोसायटी के सहयोग से प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।









🍽️ कैफ़े में प्लास्टिक के बदले मिलेगा नाश्ता और भोजन

  • कार्ब हट किचन, रोपाखार में संचालित इस कैफ़े में
    • 1 किलो प्लास्टिक देने पर नाश्ता
    • 2 किलो प्लास्टिक देने पर भोजन मिलेगा
  • स्वीकार्य अपशिष्ट में सफेद प्लास्टिक, पानी की बोतलें, एल्युमिनियम केन और कांच की बोतलें शामिल हैं
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🗣️ जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने दी प्रतिक्रिया

  • जनपद अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पैकरा ने कहा:

    “मैनपाट सरगुजा की पहचान है, इसे स्वच्छ और सुघ्घर बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।”

  • उपसरपंच श्री रजनीश पांडेय ने कहा:

    “पर्यटकों की आवाजाही को देखते हुए स्वच्छ वातावरण बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”

  • जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल ने बताया:

    “यह पहल ‘कचरा लाओ, खाना पाओ’ की सरल अवधारणा पर आधारित है। इससे न केवल स्वच्छता बढ़ेगी, बल्कि महिलाओं को आजीविका के नए अवसर भी मिलेंगे।”

                                      


🧵 प्लास्टिक से बनेगा उपयोगी सामान, महिलाओं को मिलेगा रोजगार

  • संग्रहित प्लास्टिक को जिला स्तरीय प्रोसेसिंग यूनिट में भेजा जाएगा।
  • स्व-सहायता समूह की महिलाएं इससे दाना, रस्सी और कुर्सी जैसे उत्पाद तैयार करेंगी।
  • इससे अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा
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🧹 श्रमदान और जनजागरूकता कार्यक्रम

  • साप्ताहिक बाजार परिसर में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वच्छताग्राहियों और ग्रामीणों ने मिलकर प्लास्टिक अपशिष्ट का संग्रहण किया।
  • दुकानदारों से यूज़र चार्ज भुगतान की अपील की गई, जिससे स्वच्छताग्राही दीदियों की आजीविका सुदृढ़ हो सके।
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🏞️ स्वच्छता के लिए जिला स्तर पर चल रही प्रमुख पहलें

  • डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, पृथक्करण, यूज़र चार्ज वसूली
  • बाल स्वच्छता क्लब/ईको क्लब का गठन
  • प्लास्टिक बैंक और स्वच्छता बैरियर की स्थापना
  • दिसंबर 2025 तक सभी ग्रामों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन युक्त बनाने का लक्ष्य

📍 रोपाखार का यह गार्बेज कैफ़े न केवल स्वच्छता को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक भागीदारी का प्रेरक मॉडल भी साबित होगा।

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