मोहिनी मोहन जी ने अपने उद्बोधन में किसानों के वर्तमान परिदृश्य का विचार रखते हुए अपने स्थापना के समय की बात की आज जो एमएसपी की बात अन्य संगठन उठा रहे हैं उसे किसान संघ अपने स्थापना काल से कहते रहा है, इसमें एक बड़ा अंतर यह है कि हमने लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की बात की है जो किसानों को उसकी फसल का सही मूल्य देगा। उन्होंने कहा किसान संघ ही एक मात्र ऐसा संगठन है जो किसानों से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता रहा है जैसे जीएसटी का मुद्दा है। किसान संघ का कहना किसान अंतिम उपभोक्ता नहीं है किसान भी उत्पादक है और किसानों को कृषि आदानों में जितना भी जीएसटी लगता है उसे वापस किया जाना चाहिए अथवा उसमें छूट मिले इसे सरकार जैसे भी दे परंतु इसका लाभ किसानों को मिलना चाहिए।
प्रतिनिधि सभा में भारतीय किसान संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री माननीय श्री महेश चौधरी जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने भारतीय किसान संघ की सदस्यता पर बात की। प्रत्येक तीन वर्ष में भारतीय किसान संघ सदस्यता करता है और यह किसान संघ का सदस्यता वर्ष है। उन्होंने कहा हम अधिक से अधिक ग्रामों में जाकर किसानों को सदस्य बनाकर किसान संघ से जोड़ें। भारतीय किसान संघ ने देश भर में लक्ष्य रखा है एक करोड़ सदस्य बनायेंगे एवं एक लाख ग्रामों तक जायेंगे।
सभा में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्रवंशी जी, उपाध्यक्ष श्री रामदयाल मिश्रा जी, महामंत्री नवीन शेष, संगठन मंत्री श्री तुलाराम, प्रदेश मंत्री श्री कुणाल सिंग जी आदि प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।